Monday, 25 July 2022

Haath Banjaare

 हाथ बंजारे 

हाथ की मिटती मिटती सी गहरी लकीरें
हाथ फैलाएं तो गदागरी में फ़क़ीर हो जाएँ
हाथ उठें तो दुआ में अर्श तक हो आएं

हाथ करते लाखों तदबीरें
रहें टूटी फूटी सी तक़दीरें
हाथ गढ़ते ख़मोश चीख़ती तसवीरें
हाथ लाते ख़्वाबों की ताबीरें
हाथ बनाते किताब कटोरा
हाथ चढ़ाते चादर मज़ार पर
हाथ चढ़ाते फ़सीलें दार पर  
हाथ बनाते घर  
हाथ फिराते दरबदर
हाथ लाते रोटी, फ़ाक़ा,लंगर, बाज़ार
हाथ देते शिफ़ा, दवा और दर्द  
हाथ में करम, सितम और फल
हाथ बसाते वीराने
हाथ बनाते कतबे और क़ब्र
हाथ लाते अमीरी और अमल
हाथ लाते ग़ुरबत और ग़म
हाथ की तदबीर कब रही कम?

हाथ बंजारे
बसे' कहाँ रे ?

हाथों के वादे
ज़िन्दगी के इरादे 
ज़िन्दगी से लम्बी
हाथों की लकीरें
ज़िन्दगी से छूटती
हाथों से तसवीरें
ज़िन्दगी से बड़ी
हाथों की तरकीबें
ज़िन्दगी से गहरी
हाथों की मलामत
ज़िन्दगी से कम
हाथों की फुर्सत
ज़िन्दगी की क़ीमत
हाथों की क़िस्मत!






Ishq latka Rahega Pankhe Se*

'Old Delhi is chaos and Greater Noida is silence', two worlds I navigate and experience as an inhabitant of both.  The world of Shah...