जैसे
मस्जिद अज़ान बाद
करे बन्दे का इंतज़ार
जैसे
कोई बिरहन करे
सुहाग का सिंगार
जैसे
बेचांद रातों में
तारों पर चढ़े खुमार
जैसे
बाग़ में खुशबू
बेआवाज़ कहे पुकार
जैसे
बच्चा करे कोई
बिलकुल बेलौस प्यार
जैसे
मज़दूर की आस
मिल जाये हज़ार दो-हज़ार
जैसे
वादा निबाह की प्यास
कराये आशिक़ से इक़रार
जैसे
किसीके पयाम ऐ खैरियत पर
रखें निगाह दर-पार
जैसे
किसी कुशाक़ चारागर को
ढूंढे कोई बेहद बीमार
जैसे
कड़ी धूप में
खोजे कोई साया ऐ देओदार ...
कल रात किया था
हमने तुम्हारा इंतज़ार
रखे पलकों पर आस ए दीदार
आस पास रहे फिरंगीपानी बेशुमार
यकसां हमारा उनका हाल
कुम्हलाये/मुरझाये
नए खिलने को बेक़रार
ज़िन्दगी को गुज़ारते
मुरझाने का इंतज़ार !!
جیسے
مسجد ازاں بعد
کرے بندے کا انتظار
جیسے
کوئی برہن کرے
سہاگ کا سنگار
جیسے
بے چاند راتوں میں
تاروں پر چڑھے خمار
جیسے
باغ میں خوشبو
بے آواز کہے پکار
جیسے
بچہ کرے کوئی
بلکل بے لوس پیار
جیسے
مزدور کی آس
مل جاییں ہزار دو - ہزار
جیسے
وعدہ نباہ کی پیاس
کراے عاشق سے اقرار
جیسے
کسی کے پیام خیریت پر
رکھیں نگاہ در - پار
جیسے
کسی کششاق چاراگر کو
ڈھونڈے کوئی بیحد بیمار
جیسے
کڑیے دھووپ میں
کھوجے کوئی سایا دیودار ...
کل رات کیا تھا ہمنے
تمہارا انتظار
رکھے پلکوں پر آس دیدار
اس پاس رہے فرنگپانی بیشمار
یکساں ہمارا انکا حال
کمھلاہے /مرجھیے
نیے کھلنے کو بیقرار
زندگی کو گزارتے
مرجھانے کا انتظار
मस्जिद अज़ान बाद
करे बन्दे का इंतज़ार
जैसे
कोई बिरहन करे
सुहाग का सिंगार
जैसे
बेचांद रातों में
तारों पर चढ़े खुमार
जैसे
बाग़ में खुशबू
बेआवाज़ कहे पुकार
जैसे
बच्चा करे कोई
बिलकुल बेलौस प्यार
जैसे
मज़दूर की आस
मिल जाये हज़ार दो-हज़ार
जैसे
वादा निबाह की प्यास
कराये आशिक़ से इक़रार
जैसे
किसीके पयाम ऐ खैरियत पर
रखें निगाह दर-पार
जैसे
किसी कुशाक़ चारागर को
ढूंढे कोई बेहद बीमार
जैसे
कड़ी धूप में
खोजे कोई साया ऐ देओदार ...
कल रात किया था
हमने तुम्हारा इंतज़ार
रखे पलकों पर आस ए दीदार
आस पास रहे फिरंगीपानी बेशुमार
यकसां हमारा उनका हाल
कुम्हलाये/मुरझाये
नए खिलने को बेक़रार
ज़िन्दगी को गुज़ारते
मुरझाने का इंतज़ार !!
Jaise
Masjid Az'aan baad
Kare Bande ka intezaar
Jaise
Koi birhan kare
Suhag ka singaar
Jaise
Bechaand Raat'on me
Taaron par Chadhe khumaar
Jaise
Baagh me khushbu
Beawaaz kahe pukar
Jaise
Bachcha kare koi
Bilkul be-laus pyaar
Jaise
Mazdoor ki aas
Mil jayen Hazar do- hazaar
Jaise
Vaada nibaah ki pyaas
Karaye Aashiq se iqraar
Jaise
Kisike pyaam e khairiyat par
Rakhen nigah dar- paar
Jaise
Kisi kushhaq charagar ko
Dhoonde koi behad beemaar
Jaise
Kadi dhooop me
Khoje koi saaya e deodaar...
Kal raat Kiya tha
humne tumhara intezaar
humne tumhara intezaar
Rakhe palkon par
aas e deedar
aas e deedar
Aas paas rahe frangipani be-shumaar
Yaksa hamara unka haal
Kumhlaaye/murjhaye
Naye khilne ko beqaraar
Zindagi Ko guzaarte
murjhane ka intezaar!!
جیسے
مسجد ازاں بعد
کرے بندے کا انتظار
جیسے
کوئی برہن کرے
سہاگ کا سنگار
جیسے
بے چاند راتوں میں
تاروں پر چڑھے خمار
جیسے
باغ میں خوشبو
بے آواز کہے پکار
جیسے
بچہ کرے کوئی
بلکل بے لوس پیار
جیسے
مزدور کی آس
مل جاییں ہزار دو - ہزار
جیسے
وعدہ نباہ کی پیاس
کراے عاشق سے اقرار
جیسے
کسی کے پیام خیریت پر
رکھیں نگاہ در - پار
جیسے
کسی کششاق چاراگر کو
ڈھونڈے کوئی بیحد بیمار
جیسے
کڑیے دھووپ میں
کھوجے کوئی سایا دیودار ...
کل رات کیا تھا ہمنے
تمہارا انتظار
رکھے پلکوں پر آس دیدار
اس پاس رہے فرنگپانی بیشمار
یکساں ہمارا انکا حال
کمھلاہے /مرجھیے
نیے کھلنے کو بیقرار
زندگی کو گزارتے
مرجھانے کا انتظار